Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
हिमांशु Kulshrestha
44 Followers
Follow
Report this post
12 Oct 2024 · 1 min read
ज़ख्म आज भी
ज़ख्म आज भी
बहुत गहरे हैं दिल में
मगर हम उनसे
कोई गिला नहीं रखते
हिमांशु Kulshrestha
Tag:
Quote Writer
Like
Share
54 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
शब्द
Dr. Mahesh Kumawat
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
उड़ने दो
Seema gupta,Alwar
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
ग़लतफ़हमी में क्यों पड़ जाते हो...
Ajit Kumar "Karn"
लगते नये हो
Laxmi Narayan Gupta
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
श्रंगार
Vipin Jain
वो हमें भूल ही नहीं सकता
Dr fauzia Naseem shad
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3198.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हर दिन एक नई दुनिया का, दीदार होता यहां।
Manisha Manjari
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
साहित्य गौरव
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुहब्बत में उड़ी थी जो ख़ाक की खुशबू,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
शिखर
Kaviraag
" चापड़ा-चटनी "
Dr. Kishan tandon kranti
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
जय श्री राम
Sunita Gupta
केवल पुस्तक से नहीं,
sushil sarna
Yes some traumas are real.... time flies...everything change
Ritesh Deo
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
*वृक्ष लगाओ हर साल*
Krishna Manshi
गरीब और बुलडोजर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
*"बापू जी"*
Shashi kala vyas
ये अश्क भी बे मौसम बरसात हो गए हैं
Gouri tiwari
Loading...