*रे इन्सा क्यों करता तकरार* मानव मानव भाई भाई,
तेरे इश्क में इस कदर गुम हुए
रखकर हाशिए पर हम हमेशा ही पढ़े गए
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आज के इस स्वार्थी युग में...
अनजाने में भी कोई गलती हो जाये
पवित्र होली का पर्व अपने अद्भुत रंगों से
यूं सरेआम इल्ज़ाम भी लगाए मुझपर,
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
वेदों का काव्यात्मक अनुवाद : एक विलक्षण कार्य।
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
A piece of land can make a person the straw of everyone's ey
तेरी जलन बनाए रखना था, मैने अपना चलन नहीं छोड़ा।
*नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/ग
पूरा दिन जद्दोजहद में गुजार देता हूं मैं