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15 May 2024 · 1 min read

माँ

ख़रीद लाती है इतने कपड़े मेरे जन्मदिन पे
और ख़ुद का जन्मदिन याद नहीं रखती है
हो जाऊ कभी बीमार मैं
तो ख़ुद रात भर सोया नहीं करती है
रख दू अगर हाथ किसी भी चीज पर
तो एक नहीं दो लाया करती है
जो बिन बोले एक शब्द भी मेरा
सब कुछ समझ लिया करती है
होठों पे हसी रख के
वो मन ही मन रोया करती है
कोई संकट मुझपे आने से पहले
मेरी माँ उससे लड़ती है
जो ख़ुद खड़ी हो परेशानी में
पर दुआ हमेशा मेरे लिए ही करती है
धन्य हुआ मेरा जीवन ऐसी माँ पाकर
मिले तू हर जनम मुझे माँ तेरी बेटी बस यही दुआ करती है

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