Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2024 · 2 min read

सफ़रनामा: मित्रता के रंग

सफ़रनामा: मित्रता के रंग
कहते हैं, जीवन एक सफर है, और इस सफर में जो साथी मिलते हैं, वे हमारे अनुभवों को रंगीन बनाते हैं। मेरे सफर में भी ऐसे मित्र रहे हैं, जिन्होंने हर कदम पर साथ दिया। लेकिन जब यह पंक्तियां पढ़ता हूं:
“कल कोई मुझको याद करे,
क्यों कोई मुझको याद करे,
मसरूफ ज़माना मेरे लिए,
क्यों वक्त अपना बर्बाद करे।”
तो सोचता हूं, क्या हमने अपने मित्रों के साथ बिताए उन लम्हों को यादगार बनाया? क्या हमने अपने रिश्तों में वो गहराई दी, जो समय के साथ फीकी न पड़े?
मित्रता केवल हंसी-ठिठोली तक सीमित नहीं होती। यह वो अनकहे वादे हैं, जो बिना कहे निभाए जाते हैं। वो कंधा है, जो हर मुश्किल घड़ी में सहारा देता है। जब हम साथ थे, तो हर दिन एक नई कहानी लिखी। वो चाय की दुकान पर घंटों की बहस, वो छोटे-छोटे सपने जो हमने साथ देखे, और वो बड़े-बड़े डर जो हमने एक-दूसरे के साथ बांटे।
मुझे याद है, कैसे हम छोटे-छोटे बहानों से एक-दूसरे के पास पहुंच जाते थे। किसी के घर देर रात तक पढ़ाई का नाटक करना, और फिर आधी रात को ठहाकों में गूंज उठना। वो क्रिकेट के मैच, जहां हार-जीत से ज्यादा दोस्ती की जीत होती थी। वो जन्मदिन की पार्टियां, जो कभी समय पर नहीं शुरू होती थीं। और वो अनगिनत अनकही बातें, जो सिर्फ हमारी आंखों ने समझीं।
लेकिन समय के साथ, हम सब अपनी-अपनी राहों पर निकल पड़े। मसरूफियत ने हमें घेर लिया। फिर भी, हर बार जब अकेले में बैठता हूं, तो वो चेहरे, वो आवाजें, वो हंसी-ठिठोली, सब याद आती है। शायद यही मित्रता का असली मतलब है।
मित्रता का रिश्ता समय से परे है। यह वो बीज है, जिसे हम अपने दिल में बोते हैं, और जब भी इसे यादों के पानी से सींचते हैं, यह फिर से खिल उठता है।
तो आज जब यह कविता पढ़ता हूं, तो सोचता हूं, क्या हम अपने मित्रों के लिए इतना खास बन पाए हैं कि जब वे अकेले हों, तो हमें याद करें? क्या हमने अपने रिश्तों में वो गहराई छोड़ी है, जो उन्हें मुस्कुराने पर मजबूर कर दे?
सफर चाहे कितना भी लंबा हो, अगर मित्र साथ हों, तो हर पड़ाव सुंदर हो जाता है। और अगर एक दिन कोई मुझे याद करे, तो मैं यही चाहूंगा कि वो मेरे साथ बिताए लम्हों को मुस्कुराते हुए याद करे।
क्योंकि दोस्ती वही है, जो वक्त की धूल से नहीं मिटती। यह हमारे दिलों में बसी रहती है, हमेशा के लिए

Language: Hindi
36 Views

You may also like these posts

हकीकत असल में
हकीकत असल में
सिद्धार्थ गोरखपुरी
लक्ष्य फिर अनंत है
लक्ष्य फिर अनंत है
Shekhar Deshmukh
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
शादी के बाद में गये पंचांग दिखाने।
Sachin Mishra
कमीना विद्वान।
कमीना विद्वान।
Acharya Rama Nand Mandal
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
..
..
*प्रणय*
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
धक धक धड़की धड़कनें,
धक धक धड़की धड़कनें,
sushil sarna
हल
हल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
4480.*पूर्णिका*
4480.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
वो देखो ख़त्म हुई चिड़ियों की जमायत देखो हंस जा जाके कौओं से
Neelam Sharma
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*कुछ संयम कुछ ईश कृपा से, पापों से बच जाते हैं (हिंदी गजल)*
*कुछ संयम कुछ ईश कृपा से, पापों से बच जाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
"दास्तान"
Dr. Kishan tandon kranti
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
हनुमान वंदना । अंजनी सुत प्रभु, आप तो विशिष्ट हो।
Kuldeep mishra (KD)
घुंघट में
घुंघट में
C S Santoshi
संगीत
संगीत
Rambali Mishra
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
शेखर सिंह
छोड़ दो
छोड़ दो
Pratibha Pandey
जिस दिन ना तुझे देखूं दिन भर पुकारती हूं।
जिस दिन ना तुझे देखूं दिन भर पुकारती हूं।
Phool gufran
साँसें
साँसें
अनिल मिश्र
फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा
फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा
Dr. Kishan Karigar
*नारी हूं मैं*
*नारी हूं मैं*
ABHA PANDEY
जंगल
जंगल
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बातें जो कही नहीं गईं
बातें जो कही नहीं गईं
Sudhir srivastava
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
झूठी हमदर्दियां
झूठी हमदर्दियां
Surinder blackpen
Loading...