" नयन अभिराम आये हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
सुना हूं किसी के दबाव ने तेरे स्वभाव को बदल दिया
क्या करे जनाब वक़्त ही नहीं मिला
माई कहाँ बा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
विष का कलश लिये धन्वन्तरि
संभल जाओ, करता हूँ आगाह ज़रा
सहायता-प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रबंधक की भूमिका का निर्वहन*
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
यह तो हम है जो कि, तारीफ तुम्हारी करते हैं
मैं पतंग, तु डोर मेरे जीवन की
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
शीर्षक: लाल बहादुर शास्त्री