बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
" मैं और मिथिलाक्षर /तिरहुता लिपि " (संस्मरण )
क्यों बात करें बीते कल की
बहुत फुर्सत मै पढ़ना आनंद आ जायेगा......
आते है दुःख सभी की जिंदगी मे
*संन्यासी (शुभांगी छंद )*
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
एक मेरे सिवा तुम सबका ज़िक्र करती हो,मुझे
किताबों की कीमत हीरे जवाहरात से भी ज्यादा हैं क्योंकि जवाहरा
एंजॉय करने में हर मोमेंट को कोई कंजूसी नही करनी चाहिए,
हर शख्स की कोशिश थी मुझे बुरा बनाने की।
मुझसे जो भी होता है वो मैं करता हूॅं!