Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2024 · 1 min read

अदब अपना हम न छोड़ें

हम उस्ताद हैं इन तालिबों के, अदब अपना हम न छोड़े।
हम चुने सफ़र-ए-ईमान को, अपनी वफ़ा हम न तोड़े।।
हम उस्ताद हैं इन तालिबों के————–।।

आईना है हमारी तालीम का, ये तालिब तस्वीर हैं हमारे कल की।
हम भूलें नहीं अपनी साख को, ताकि ये हमारी तहजीब न छोड़े।
हम उस्ताद हैं इन तालिबों के—————-।।

हम करें सोहबत शरीफों की, हम दें साथ शराफत का सदा।
करके हम दोस्ती बेनवाजों की, गलत राह हम इनको न मोड़े।।
हम उस्ताद हैं इन तालिबों के—————-।।

हम बनायें इनको इस क़ाबिल, कि नाज करें इन पर यह जमीं।
ये तस्वीर हैं नसीबे- हिन्द की, बावफ़ा हो ये वतन परस्ती न छोड़े।।
हम उस्ताद हैं इन तालिबों के—————।।

और क्या चाहिए हमको इनसे, हो नाम हमारा अपने तालिब से।
हम खुद तमीज से रहें, ताकि ये हमारी तालीम को न छोड़े।।
हम उस्ताद हैं इन तालिबों के—————–।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

105 Views

You may also like these posts

जीत मुश्किल नहीं
जीत मुश्किल नहीं
Surinder blackpen
है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ
है बुद्ध कहाँ हो लौट आओ
VINOD CHAUHAN
बिरसा मुंडा
बिरसा मुंडा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
प्रेयसी
प्रेयसी
Ashwini sharma
मुखोटा
मुखोटा
MUSKAAN YADAV
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
किस्मत भी न जाने क्यों...
किस्मत भी न जाने क्यों...
डॉ.सीमा अग्रवाल
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
बनना है बेहतर तो सब कुछ झेलना पड़ेगा
पूर्वार्थ
गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से...
गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से...
आर.एस. 'प्रीतम'
सुविचार
सुविचार
Sanjeev Kumar mishra
अजब तमाशा जिन्दगी,
अजब तमाशा जिन्दगी,
sushil sarna
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
घाव मरहम से छिपाए जाते है,
Vindhya Prakash Mishra
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
Sonam Puneet Dubey
मान जाने से है वो डरती
मान जाने से है वो डरती
Buddha Prakash
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
Dr Archana Gupta
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
Befikr Lafz
काली एली अंगना
काली एली अंगना
उमा झा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
दोहा
दोहा
Krishna Kumar ANANT
4226.💐 *पूर्णिका* 💐
4226.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लिखें हैं नगमें जो मैंने
लिखें हैं नगमें जो मैंने
gurudeenverma198
"कुछ तो गुन गुना रही हो"
Lohit Tamta
Connectivity of a nature is a intelligency of future.
Connectivity of a nature is a intelligency of future.
Rj Anand Prajapati
हे राम!धरा पर आ जाओ
हे राम!धरा पर आ जाओ
Mukta Rashmi
नव वर्ष (गीत)
नव वर्ष (गीत)
Ravi Prakash
जीवन सबका एक ही है
जीवन सबका एक ही है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो पंक्तियां
दो पंक्तियां
Vivek saswat Shukla
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
डॉ. दीपक बवेजा
Loading...