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30 Aug 2024 · 1 min read

प्रेम की पराकाष्ठा

तुम्हारे जाने के बाद
साठ वर्ष बीते हैं अभी
इन दिनों तुम्हें
भुला न‌हीं पाया कभी ।

तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारी वही मुस्कराहट
मेरी मांं के मुखपर दिखी ।

तुम्हारे जाने के बाद
पाणिग्रहण संस्कारों में
सभी जगह तुम मुस्कराती दिखीं ।

मेरे अपने विवाह के बाद
वैसी ही तुम्हारी मुस्कराहट मुझे
पत्नी के मुख पर दिखी ।

और तो और
मेरी बेटी जब जब हंसती है
तुम्हारी याद आ बसती है ।

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