देखो आसमान जमीन पर मिल रहा है,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जीवन है रंगमंच कलाकार हम सभी
sp114 नदी में बाढ़ आने पर
मन-क्रम-वचन से भिन्न तो नहीं थे
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
लोगो को उनको बाते ज्यादा अच्छी लगती है जो लोग उनके मन और रुच
- भाई से बड़ा नही कोई साथी -