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18 May 2024 · 1 min read

समन्वय आनन्द पर्व का

समन्वय आनन्द पर्व का:

समन्वय की उच्चतम पराकाष्ठा
धर्म जगत में है
जहां बह्मांड आनन्द विभोर हो
प्रकृति का श्रृंगार लीन होता है।
जहां मानवता और
मानवीयता का संगम है
प्रेम अनुराग करुणा का
मोहक सम्मेलन है।
हिन्दू नवरात्र की गरिमा में
जुडे हैं
मां की महिमा में
धन्य हो उठते हैं ।
महाराष्ट्र में गुडी पड़वा का
सुन्दर आयोजन
आसाम में बिहू
बिकानेर में गणगौर
कन्नड में शुभ उगादी
पंजाब में बैसाखी
कहीं उत्तम फसल के
आहान में गिद्दा भंगड्ला
खुशी के गीत ढोलक
मुस्लिम ईद मनाते हैं
इदी में झूम झूम लेते है
बिहार में जल पूजन
अंग्रेज संत जार्ज की महिमा में
आनन्द उत्सव मनाते हैं
ईस्टर का आयोजन
धरती दिवस समारोह संपन्न
कर के वृक्षारोपण करके
धरती के प्रति धर्म
निभाते हुए
उत्तर दायित्व संभालते हैं।
अमरीका में लहलहाते
बाग उपवन में
आनन्द विभोर होते हैं।

डां करुणा भल्ला
@ देबांजलि अधिकारी

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