Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

कृष्ण

वेदान्तक वाणी, कृष्ण के वाचनमे,
अर्जुनक जीनगीक सार सिखेहे ।
अद्वैतक दर्शन, कर्मक पाठ
प्रेम, ज्ञान आ भक्तिक प्रसाद !!

वेदान्तक प्रतिध्वनिमे माधव राग,
ब्रह्माक प्रकाशमे आत्मा प्रकाश।
निस्वार्थ कर्मक ज्ञान देलनि,
जीबनक हर पग,दान देलनि।

कृष्णक उपदेशमे वेदांतक मार्ग,
भ्रम सँ परे, सत्यक प्रकाश।
आत्मामे ब्रह्म के सामना बुझू,
एहि जीवनकेँ ओहिना बुझू
जेहिना एकर सार बुझेलनि।

विद्यापतिक बांसुरी,राधा पुकार
कृष्णक प्रेममे बहै प्रेमक बहार
ओ मधुर राग मैथिली गुंजायमान
कृष्णक प्रेम प्रीत शब्दमे नुकायल

राधाक आह्वान विद्यापतिक बांसुरीसँ आएल,
कृष्णक प्रेम मे प्रेमक प्रवाह बहैत छल ।
ओ सुरीला राग मैथिली मे गुंजायमान भेल,
कृष्णक प्रेम एक-एक शब्द मे नुकायल छल !

चैतन्य भक्तिक भेटल प्रेमक संगीत,
हरि कीर्तन बंसी धड़िकन कए गीत
विद्यापतिक वाणीमे जे रस छल जीवित,
महाप्रभु तकरा भक्तिमे केला जीवित !!

प्रेमक ई लहरि सभ हृदयकेँ छूबि देल,
विचार कृष्णक चरणमे समर्पण भ गेल।
विद्यापतिक काव्य आ चैतन्यक भक्ति
पानिमे विलीन नहर जकाँ एक भ’ गेल

**हर शब्द,हर राग, प्रेमक गीत गबैत,
श्रीकृष्णक भक्तिमे समस्त संसार डूबल।
विधापति आ चैतन्यक ई शिष्ट मिलन.
भक्तिक धारामे मन बहकि जाइत ।

—-श्रीहर्ष

Language: Maithili
60 Views

You may also like these posts

एक अकेला सब पर भारी
एक अकेला सब पर भारी
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
Lohit Tamta
हम भी अपनी नज़र में
हम भी अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
वो अब नहीं आयेगा...
वो अब नहीं आयेगा...
मनोज कर्ण
"संलाप"
Dr. Kishan tandon kranti
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
मान जाने से है वो डरती
मान जाने से है वो डरती
Buddha Prakash
* सामने आ गये *
* सामने आ गये *
surenderpal vaidya
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
ज़िंदगी हमें हर पल सबक नए सिखाती है
Sonam Puneet Dubey
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
कमजोर नहीं हूं मैं।
कमजोर नहीं हूं मैं।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ठंडा मौसम अब आ गया
ठंडा मौसम अब आ गया
Ram Krishan Rastogi
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ललकार भारद्वाज
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
यूं ही नहीं मिल जाती मंजिल,
Sunil Maheshwari
मैं वो मिथिला कुमारी हूँ - कोमल अग्रवाल
मैं वो मिथिला कुमारी हूँ - कोमल अग्रवाल
komalagrawal750
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
सत्य कथन
सत्य कथन
Rambali Mishra
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
Paras Nath Jha
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
शेखर सिंह
ख्याल
ख्याल
sheema anmol
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
सत्य कुमार प्रेमी
संवेदना
संवेदना
Saraswati Bajpai
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ଖେଳନା ହସିଲା
ଖେଳନା ହସିଲା
Otteri Selvakumar
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
मुक्तक-विन्यास में एक तेवरी
कवि रमेशराज
जिस दिल में ईमान नहीं है,
जिस दिल में ईमान नहीं है,
पंकज परिंदा
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
दिल में हिन्दुस्तान रखना आता है
नूरफातिमा खातून नूरी
वंचित कंधा वर्चस्वित कंधा / मुसाफिर बैठा
वंचित कंधा वर्चस्वित कंधा / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
जय मां शारदे 🌺🌺🙏
जय मां शारदे 🌺🌺🙏
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...