Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Aug 2024 · 1 min read

" धूप-छाँव "

” धूप-छाँव ”
धूप-छाँव है ये सारी धन-दौलत,
कभी आता तो कभी जाता है।
दुनिया जीतने वाला सिकन्दर भी
सब कुछ यहीं छोड़ जाता है।

Loading...