बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गीत- लगे मीठी जिसे भी प्रेम की भाषा...
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
लोगों को सफलता मिलने पर खुशी मनाना जितना महत्वपूर्ण लगता है,
तेरी मोहब्बत में इस क़दर दिल हारे हैं
जरूरी नहीं की हर जख़्म खंजर ही दे
जब थे कम उसे समझदार नहीं होते थे
ज़माने की आवाज़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है