Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 2 min read

इश्क के सात मुकाम

इश्क के सात मुकाम
दिल्लगी थी पहली बात,
जब नजरें मिलीं और दिल हंस पड़ा।
छोटे से मजाक में, हंसी में खो गया,
कुछ और नहीं बस दिल्लगी थी, प्यार की राहों का पहला पता।
उंस हुआ जब दिल जुड़ा,
चाहत की राहें दिल ने पकड़ लीं।
एक दूसरे की बातें, हंसते हंसते बीत गईं रातें,
दिलों में धीरे-धीरे प्रेम का रंग चढ़ने लगा,
उंस के मुकाम पर इश्क ने अपना पहला कदम रखा।
मोहब्बत जब हुई तो दिल तड़पा,
हर लम्हा उसका ख्याल आया।
चांदनी रातें, बेताबी के साथ गुज़रीं,
उसके बिना दिल ने चैन न पाया,
मोहब्बत की गहराई में इश्क और गहरा गया।
अकीदत में झुका सिर,
उसकी हर बात, हर आदत पूजनीय हुई।
उसकी तस्वीर, उसकी यादें,
दिल की हर धड़कन में बसी,
अकीदत ने इश्क को इबादत का मुकाम दिया।
इबादत में था सिर्फ वो,
हर सास में उसकी बंदगी थी।
दिन-रात उसके ख्याल में गुज़रे,
जैसे इश्क खुदा की इबादत हो गया,
इबादत में इश्क की नज़रें सिर्फ उस पर टिक गईं।
जुनून था जब दिल बेखुदी में डूबा,
हर हद से परे, हर दर्द से आगे बढ़ा।
उसके बिना ये जहां बेमानी सा लगने लगा,
जुनून में इश्क ने हर हद पार कर दी,
अब इश्क सिर्फ जुनून बन गया।
आखिर में आया मौत का मुकाम,
जहां इश्क ने अपनी अंतिम मंजिल पाई।
मौत से भी बड़ी थी उसकी चाहत,
इससे पार होकर इश्क ने अपनी पराकाष्ठा को छुआ।
मौत में ही इश्क का पूरा होना था,
इश्क के सात मुकामों में मौत आखिरी थी,
जहां दिल को सुकून मिला, इश्क ने अपनी आखिरी मंजिल पाई।
इश्क के इन सात मुकामों में,
दिल ने हर दर्द, हर खुशी देखी।
दिल्लगी से शुरू हुआ सफर,
मौत पर आकर खत्म हुआ,
लेकिन इश्क का ये सफर अनंत है,
हर दिल की कहानी में, इश्क का सफर कभी नहीं रुकता।

Language: Hindi
68 Views

You may also like these posts

गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
गीत- उड़ाओ प्यार के बादल...
आर.एस. 'प्रीतम'
A pandemic 'Corona'
A pandemic 'Corona'
Buddha Prakash
शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
संवेदना का कवि
संवेदना का कवि
Shweta Soni
" पहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
खूब निभायी दोस्ती ,
खूब निभायी दोस्ती ,
sushil sarna
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
राही
राही
Rambali Mishra
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
11 धूप की तितलियां ....
11 धूप की तितलियां ....
Kshma Urmila
तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार ये मुमकिन नहीं,
तेरी मर्जी से ढल जाऊं हर बार ये मुमकिन नहीं,
पूर्वार्थ
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
4018.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*देखो मन में हलचल लेकर*
*देखो मन में हलचल लेकर*
Dr. Priya Gupta
F
F
*प्रणय*
बरसात
बरसात
Dr.Pratibha Prakash
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
#अनुत्तरित प्रश्न
#अनुत्तरित प्रश्न
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
शहर में नकाबधारी
शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
जो छिपाना चाहती थी तुमसे
Dheerja Sharma
बेटी का बाप हूँ न
बेटी का बाप हूँ न
Suryakant Dwivedi
तेरा ही बसेरा
तेरा ही बसेरा
Pratibha Pandey
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
मैं तो निकला था चाहतों का कारवां लेकर
VINOD CHAUHAN
भक्ति- निधि
भक्ति- निधि
Dr. Upasana Pandey
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
भाईदूज
भाईदूज
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
परेशानियों से न घबराना
परेशानियों से न घबराना
Vandna Thakur
Loading...