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17 Aug 2024 · 1 min read

यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,

यूं सजदे में सर झुका गई तमन्नाएं उसकी,
हुक्म-ए-यार में झुका सर उसे दिखता नहीं
इत्तेफ़ाक ही था पहली नज़र का मिलना भी,
शर्म-ओ-हया में छिपा चेहरा उसे दिखता नहीं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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