प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
अगर आप अपनी आवश्यकताओं को सीमित कर देते हैं,तो आप सम्पन्न है
May you never again get attached to anyone who isn’t for you
जीवन के अंतिम दिनों में गौतम बुद्ध
इंसान बुरा बनने को मजबूर हो जाता है
चरणों में सौ-सौ अभिनंदन ,शिक्षक तुम्हें प्रणाम है (गीत)
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
तेरे संग एक प्याला चाय की जुस्तजू रखता था