Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2024 · 1 min read

ह्रदय की पीड़ा से

जीवन सुख-दुःख का सम्मिश्रण
स्तब्ध, मौन समस्त संसार
ह्रदय की मूक पीड़ा से
अचल प्रेम की वेदना से
पलकों की चिक डारी से
उबल पड़ी है असुअन की
अविरल जलधार
जिसका नहीं कोई विराम !
डाॅ○फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
2 Likes · 84 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

वो गुस्से वाली रात सुहानी
वो गुस्से वाली रात सुहानी
bhandari lokesh
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
होली
होली
Shutisha Rajput
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
गुमनाम 'बाबा'
कागज के रिश्ते
कागज के रिश्ते
Mandar Gangal
यादों की कसक
यादों की कसक
Sakhi
Stay true to yourself.
Stay true to yourself.
पूर्वार्थ
आज़माइश कोई
आज़माइश कोई
Dr fauzia Naseem shad
चौपाई - तुलसीदास
चौपाई - तुलसीदास
Sudhir srivastava
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
चुप्पियाँ बढ़ती जा रही हैं उन सारी जगहों पर जहाँ बोलना जरूरी
Iamalpu9492
2851.*पूर्णिका*
2851.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
आज ज़माना चांद पर पांव रख आया है ,
पूनम दीक्षित
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
पुस्तक समीक्षा- धूप के कतरे (ग़ज़ल संग्रह डॉ घनश्याम परिश्रमी नेपाल)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"मतदान"
Dr. Kishan tandon kranti
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
ये कैसी आज़ादी
ये कैसी आज़ादी
Rekha Drolia
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
ସାର୍ଥକ ଜୀବନ ସୁତ୍ର
Bidyadhar Mantry
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
दिल के दरवाजे भेड़ कर देखो - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
रोशनी की शिकस्त में आकर अंधेरा खुद को खो देता है
डॉ. दीपक बवेजा
दुनिया एक मुसाफिरखाना
दुनिया एक मुसाफिरखाना
Manoj Shrivastava
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
सत्य छिपकर तू कहां बैठा है।
Taj Mohammad
सफ़र जिंदगी का (कविता)
सफ़र जिंदगी का (कविता)
Indu Singh
*हल्दी (बाल कविता)*
*हल्दी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुझे नहीं मिला
मुझे नहीं मिला
Ranjeet kumar patre
आशा का दीप
आशा का दीप
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
अशोक पुष्प मंजरी घनाक्षरी
guru saxena
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
दूसरा मौका
दूसरा मौका
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
Loading...