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14 Aug 2024 · 1 min read

ह्रदय की पीड़ा से

जीवन सुख-दुःख का सम्मिश्रण
स्तब्ध, मौन समस्त संसार
ह्रदय की मूक पीड़ा से
अचल प्रेम की वेदना से
पलकों की चिक डारी से
उबल पड़ी है असुअन की
अविरल जलधार
जिसका नहीं कोई विराम !
डाॅ○फ़ौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
2 Likes · 132 Views
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