तुझसे ही में हु, मुझमें ही तू जीवन प्यार का सफर कमाल का।
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
चलना हमारा काम है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लाखों दीयों की रौशनी फैली है।
वो आसमां था लेकिन खुद सिर झुकाकर चलता था। करता तो बहुत कुछ था अपने देश के लिए पर मौन रहता था।
किसानों की दुर्दशा पर एक तेवरी-
टीबी मुक्ति की राह पर भारत
" REMINISCENCES OF A RED-LETTER DAY "
अपने अपने की जरूरत के हिसाब से अपने अंदर वो बदलाव आदतो और मा
शीश नावती मैं अपना, सुन लो मेरे राम।
सर्द और कोहरा भी सच कहता हैं
ठोकरे इतनी खायी जीवन में,
दिल के किसी कोने में अधुरी ख्वाइशों का जमघट हैं ।