उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
मुझे किसी की भी जागीर नहीं चाहिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Friends 💕 forever soul connection
मुझे मुझसे हीं अब मांगती है, गुजरे लम्हों की रुसवाईयाँ।
क्या गुनाह था कि तुम्हें खोया है हमने
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया - सारा रदीफ़ - है
सोलह श्रृंगार कर सजना सँवरना तेरा - डी. के. निवातिया
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
मईया कि महिमा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध