हाथ से मानव मल उठाने जैसे घृणित कार्यो को छोड़ने की अपील करती हुई कविता छोड़ दो।
बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
हिंदी काव्य के प्रमुख छंद
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
आसान बात नहीं हैं,‘विद्यार्थी’ हो जाना
जाड़ा
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*मतलब इस संसार का, समझो एक सराय (कुंडलिया)*
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
नफ़रत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Love story of Pink and Blue
किसी नदी के मुहाने पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मची हुई संसार में,न्यू ईयर की धूम
जीवन रंगमंच
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नहीं विश्वास करते लोग सच्चाई भुलाते हैं