[ ख़ुद पर तुम विश्वास रखो ]
आचार्य - डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
पारिवारिक संबंध, विश्वास का मोहताज नहीं होता, क्योंकि वो प्र
फूलों के साथ महक का सच हैं।
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
बोलने को मिली ज़ुबां ही नहीं
UPSC-MPPSC प्री परीक्षा: अंतिम क्षणों का उत्साह
23. *बेटी संग ख्वाबों में जी लूं*
When your intentions are pure , you will get help from unive
कितने अकेले हो गए हैं हम साथ रह कर
" उज़्र " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
*मंत्री जी भी कभी किसी दिन, ई-रिक्शा पर बैठें तो (हिंदी गजल-