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25 Jul 2024 · 1 min read

आजा न गोरी

आजा न गोरी तै मोरे तीर म २
मया पिरित के घूंट पीला दे
खुशी छा जा ही मन म ।
हरिया जाहि तन हा।
Female
आवत हव राजा मैं तोर तीर म २
मया पीरित के लस्सी पियाहूं
जुड़ा जाहि तन हा
मुस्काही मन हा
आजा न राजा तै मोर दिल म
छा जाबे मन म ,हरिया जाहि तन हा।
Male

तोर बसेरा हे रानी मोरे दिल म२
मया करत सबेरा हो जाहि
अइसे महका दे अंगना
दूनो रहीबो संग मां।
अपन घर अंगना।
Femel

बसे हस राजा तै मोरे हिरदे म
आना सुन ले मया के धुन
मोर हसी – ठिठोली म
मोर गुरतुर बानी म।
संयुक्त
आजा न संगी तै मोरे तन मा
समा जा तै ऐईसे रे संगी
जैसे काने के खिनवा
हमर संग मा।

गीतकार
संतोष कुमार मिरी
शिक्षक जिला दुर्ग

Language: Chhattisgarhi
Tag: Poem
85 Views
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