Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Mar 2024 · 1 min read

“Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed fo

“Recovery isn’t perfect. it can be thinking you’re healed for a month then falling back to square one. it’s trying again and again to make positive changes to yourself. it’s mustering all your energy into getting out of bed. it can be accidentally giving in to old habits but then putting the pieces together again after a breakdown. it’s gaining confidence and being sociable for a while then walking past people with your eyes on the ground because suddenly they scare you. it can be incomplete to-do lists and days unable to function after doing so well. sometimes there are relapses and it feels even lower than where you started. but every time you decide to take a deep breath and start again, you have succeeded. even if you have to do this a hundred times before you’re fully healed, by wanting to recover you’ve already won.”

170 Views

You may also like these posts

*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
*सुबह-सुबह अच्छा लगता है, रोजाना अखबार (गीत)*
Ravi Prakash
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
Kailash singh
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
अब कौन-कौन परखेगा यूं हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी की सिलवटें
ज़िंदगी की सिलवटें
Dr. Rajeev Jain
.........?
.........?
शेखर सिंह
हम रहें कि न रहें
हम रहें कि न रहें
Shekhar Chandra Mitra
बंजारा
बंजारा
Mohammed urooj khan
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
जाने कितने चढ़ गए, फाँसी माँ के लाल ।
sushil sarna
2741. *पूर्णिका*
2741. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शे
शे
*प्रणय*
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
दुनिया में कहीं नहीं है मेरे जैसा वतन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बचपन जी लेने दो
बचपन जी लेने दो
Dr.Pratibha Prakash
ओ चिरैया
ओ चिरैया
Girija Arora
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
तिरछी निगाहे
तिरछी निगाहे
Santosh kumar Miri
चाकित हो गए ये नेत्र मेरे आपके स्वरुप का दर्शन पाके,
चाकित हो गए ये नेत्र मेरे आपके स्वरुप का दर्शन पाके,
Chaahat
I love you
I love you
Otteri Selvakumar
कुछ देर पहले
कुछ देर पहले
Jai Prakash Srivastav
तुम्हें निभाना नहीं आया
तुम्हें निभाना नहीं आया
हिमांशु Kulshrestha
*Flying Charms*
*Flying Charms*
Poonam Matia
"दिल में झाँकिए"
Dr. Kishan tandon kranti
जय हनुमान
जय हनुमान
Sudhir srivastava
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
बहने दो निःशब्दिता की नदी में, समंदर शोर का मुझे भाता नहीं है
Manisha Manjari
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स
गुमनाम 'बाबा'
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Rambali Mishra
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
अब  रह  ही  क्या गया है आजमाने के लिए
अब रह ही क्या गया है आजमाने के लिए
हरवंश हृदय
काश !!..
काश !!..
ओनिका सेतिया 'अनु '
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
gurudeenverma198
Loading...