Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Jul 2024 · 1 min read

सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है

सुनो! पुरूष होने का ताना तो जग देता है
तुम थोड़ा सा “प्यार_देना”
—————————————————————
पिता हूँ,पति हूँ,बेटा हूँ,भाई हूँ,दोस्त हूँ।
मन के किसी,कोने में,दबा कुचला,सहमा सा “प्रेमी_भी_हूँ।”
पर दुनियाँ कहती है मुझसे।”मैं_पुरूष_हूँ।”।।
जो थक नहीं सकता,जो झुक नहीं सकता
सरेआम अपनी,तकलीफ पर,खुलकर रो नहीं सकता।
क्यूँकि “मैं_पुरूष_हूँ।”।।
मगर हटकर परे,दुनियां के,मापदंडों से
थामकर,मेरी हथेलियों को,अपने हाथों में
बिना कोई सवाल,कहना “मैं_हूँ_ना”।।
अगर रो पडूँ तो,रो लेने देना,बेशक हूँ पुरुष
पर हूँ तो मैं भी “इंसान_हीं_ना”।।
बिना थके बिना रुके,झुझता हूँ
दिन भर,तमाम परेशानियों से,जो चुप गुमसुम
उदास देखना,तो बिना सवाल
अपने गोद में सर रख,बालों में हाथ फेरते हुए कहना।।

सब ठीक हो जाएगा
क्यूँ फिक्र करते हो “मैं_हूँ_ना”

278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मां
मां
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
राम आयेंगे
राम आयेंगे
Deepali Kalra
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
आज कल सोशल मीडिया में सकारात्मक भंगिमा को स्वीकारते नहीं हैं
DrLakshman Jha Parimal
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
4241.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🌹जिन्दगी🌹
🌹जिन्दगी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
मास्टर जी का चमत्कारी डंडा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कविता
कविता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
पहले दीवार उठाना,
पहले दीवार उठाना,
*प्रणय प्रभात*
फितरत की कहानी
फितरत की कहानी
प्रदीप कुमार गुप्ता
आज फ़िर कोई
आज फ़िर कोई
हिमांशु Kulshrestha
वक्त जाया नहीं करते
वक्त जाया नहीं करते
RAMESH Kumar
शराब का इतिहास
शराब का इतिहास
कवि आलम सिंह गुर्जर
मैं रीत लिख रहा हूँ
मैं रीत लिख रहा हूँ
कुमार अविनाश 'केसर'
"सच्चा संत वही है, जो समाज में शांति और सौहार्द का संचार करत
The World News
बारिश की बूंदें जब थिरकतीं,
बारिश की बूंदें जब थिरकतीं,
Ami
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
"मोहब्बत"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा
दोहा
Raj kumar
*स्वार्थी दुनिया *
*स्वार्थी दुनिया *
Priyank Upadhyay
वो दौड़ा आया है
वो दौड़ा आया है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
किसी के प्रति ईर्ष्या का भाव वैमनस्य का उद्भव तामसिक प्रवृत्
Rj Anand Prajapati
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
इच्छाएं.......
इच्छाएं.......
पूर्वार्थ
सौन्दर्य
सौन्दर्य
Ritu Asooja
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
भला कैसे सुनाऊं परेशानी मेरी
Keshav kishor Kumar
” जिंदगी ”
” जिंदगी ”
Rati Raj
आजाद
आजाद
विशाल शुक्ल
मृदुल-पुकार
मृदुल-पुकार
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
Loading...