पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
आज एक अरसे बाद मेने किया हौसला है,
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
सुधीर श्रीवास्तव को विधा वाचस्पति मानद उपाधि
नाबालिक बच्चा पेट के लिए काम करे
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
*सुकुं का झरना*... ( 19 of 25 )
आने वाले कल का ना इतना इंतजार करो ,
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच।
*** अंकुर और अंकुरित मन.....!!! ***
अपनी ताकत को कलम से नवाजा जाए
रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं