Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 Jun 2024 · 1 min read

इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है

इक ज़िंदगी मैंने गुजारी है
बस इक तेरी ही इंतेजारी है
तू मिल जाना मुझे किसी मोड़ पे
इसमें ख़ुदा की शुक्रगुजारी है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Loading...