Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
15 May 2021 · 1 min read

मेरी खामोशियाँ

***********मेरी खामोशियाँ************
***********************************

बिना कहे सब कुछ कह जाती है खामोशियाँ,
चुपके से गहरे घाव कर जाती हैं खामोशियाँ।

सीने में छिपा होता है सारे जहां का दिया दर्द,
सीना छलनी छलनी कर जाती हैं खामोशियाँ।

मैं और मेरी खामोशी का साथ है बहुत पुराना,
हर हाल में दोस्ती निभा जाती हैं खामोशियाँ।

नहीं होती है किसी के रूठने मनाने की चिंता,
दिल के अन्दर हिचकोले खाती हैं खामोशियाँ।

नही होती है गैरों के झूठे दिलसी की जरूरत,
आत्मा,परमात्मा से मेल कराती हैं खामोशियाँ।

किसी को तंज के रंज से कभी नहीं है रुलाती,
गमगीन हो सफर तय कर जाती है खामोशियाँ।

लक्ष्य की तलाश में कभी कहीं पर ना है मरती,
खुद ही स्वयं रास्ते अपने बनाती है खामोशियाँ।

मनसीरत की पहचानती है अदृश्य अन्तरशक्ति,
जूझते रहने की प्रेरणा दे जाती हैं खामोशियाँ।
************************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Loading...