दिलों का हाल तु खूब समझता है
*डॉ अर्चना गुप्ता जी* , मुरादाबाद(कुंडलिया)*
सोच रहा अधरों को तेरे....!
Kunwar kunwar sarvendra vikram singh
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
"Make sure that wherever you’re at in life, you don’t treat
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
टेलिस्कोप पर शिक्षक सर्वेश कांत वर्मा जी और छात्रों के बीच ज्ञानवर्धक चर्चा
हम दिल में मोहब्बत और सीने में कुरान रखते हैं ।