वक्त की कहानी भारतीय साहित्य में एक अमर कहानी है। यह कहानी प
ज़िंदगी की कँटीली राहों पर....
अंधेरी रात में भी एक तारा टिमटिमाया है
#स्मृतिमंजूषा से दो मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
स्वयं को "अद्यतन" रखने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है "अध्ययन।"
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
सात रंगों से सजी संवरी हैं ये ज़िंदगी,
भले लोगों के साथ ही बुरा क्यों (लघुकथा)
सत्य साधना -हायकु मुक्तक
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मूर्छा में जीते जीते जीवन को नर्क बना लिया।