किसी चमत्कार की प्रतीक्षा में
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
हम तब तक किसी की प्रॉब्लम नहीं बनते..
हर रात मेरे साथ ये सिलसिला हो जाता है
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
दोस्त जितने भी मिले,वफादार मिले
कभी उन बहनों को ना सताना जिनके माँ पिता साथ छोड़ गये हो।
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)