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23 Jun 2024 · 1 min read

आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।

आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
हुई समूची देह ज्यों, वृष्टि छाया क्षेत्र।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

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