Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

Disagreement

Disagreement

A Judge, watching a lawyer advancing his case as per oral instructions given by the client in court.

Judge: Mr. Counsel , I am amazed at your agreement with your client.

Lawyer: Since he has disagreed to agree with me, I have no choice, but to disagree with my disagreement.

The Laughing Lawyer
Ajay Amitabh Suman

1 Like · 94 Views

You may also like these posts

हम जंगल की चिड़िया हैं
हम जंगल की चिड़िया हैं
ruby kumari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अद्भुत प्रयास
अद्भुत प्रयास
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
हम ख़फ़ा हो
हम ख़फ़ा हो
Dr fauzia Naseem shad
4711.*पूर्णिका*
4711.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यार ब - नाम - अय्यार
यार ब - नाम - अय्यार
Ramswaroop Dinkar
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
मेरे जाने की फ़िक्र
मेरे जाने की फ़िक्र
Sudhir srivastava
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
मैंने उसे जुदा कर दिया
मैंने उसे जुदा कर दिया
Jyoti Roshni
मूर्तियां भी मौन हैं
मूर्तियां भी मौन हैं
अमित कुमार
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
शीर्षक - सोच आपकी हमारी
Neeraj Agarwal
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
यहाँ श्रीराम लक्ष्मण को, कभी दशरथ खिलाते थे।
जगदीश शर्मा सहज
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जलाकर खाक कर दी,
जलाकर खाक कर दी,
श्याम सांवरा
"रुख़सत"
Dr. Kishan tandon kranti
अनन्यानुभूति
अनन्यानुभूति
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रमेशराज के बालगीत
रमेशराज के बालगीत
कवि रमेशराज
गुलाबों का सौन्दर्य
गुलाबों का सौन्दर्य
Ritu Asooja
आपकी कीमत तब होती है ..
आपकी कीमत तब होती है ..
पूर्वार्थ
अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान
अवसर आया है अभी, करें रक्त का दान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
झांसी वाली रानी
झांसी वाली रानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
एक आप ही तो नही इस जहां में खूबसूरत।
एक आप ही तो नही इस जहां में खूबसूरत।
Rj Anand Prajapati
जीने का अंदाज
जीने का अंदाज
Deepali Kalra
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
इल्म की कमी अखलाक छुपा लेते हैं
इल्म की कमी अखलाक छुपा लेते हैं
नूरफातिमा खातून नूरी
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
Pratibha Pandey
Loading...