चैन भी उनके बिना आता कहाँ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
"ईद-मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
यूं ही कोई लेखक नहीं बन जाता।
आपकी लिखावट भी यह दर्शा देती है कि आपकी बुद्धिमत्ता क्या है
नर नारायण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
प्रेम और पुष्प, होता है सो होता है, जिस तरह पुष्प को जहां भी
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
टूटी – फूटी सड़क रातों रात बन जाती है
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।