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31 May 2024 · 1 min read

दुःख का भी अधिकार होता है

दुःख का भी अधिकार होता है
यह मुझे अभी पता चला
जब एक बेबस को मैंने
चौराहे पर रोते देखा
न किसी ने आँसू पोछे
न उसे दिया दिलासा
समाज के ठेकेदारों ने
किया उसे रुसवा
मैं खड़ा सब देख रहा था
उस बूढी के आँसूओ को
जब पूछा किसी भले मानस से
तो मुझे यह पता चला
गुज़र गया है बेटा उसका
छोड़ अपनी ज़िम्मेदारी
हालातो ने दिया नहीं
अफ़सोस मनाने के उसे अधिकार
जब देखा उसने ,
बेटे के परिवार
गरीबी के चलते नहीं मिला
उसे दुःख मनाने के भी अधिकार

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