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28 May 2024 · 2 min read

" शिखर पर गुनगुनाओगे "

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
==================
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

अमन हो
सब दिशाओं में
सभी हो
शांति के साधक
करें हम
उन्नति जग में
नहीं कोई बने बाधक !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

नहीं लड़ने
की चाहत हो
नहीं विध्वंस
का जज़्बा
कभी संघार से
कुछ भी
नहीं मिलता कभी रुतबा !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

जगत के
एक हैं प्राणी
भले नहीं
एक से दिखते
लहू के रंग
मिलते हैं
भले भाषा नहीं मिलते !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

सभी धर्मों
का हो तस्लीम
सभी देशों में
गूँजे प्यार
सभी बन जाएँ
अपने दोस्त
कभी भी ना करें तकरार !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

लड़ाई तुमको
करनी है
गरीबी को
मिटा डालो
जहाँ परमार्थ
की हो बात
वहाँ कल्याण कर डालो !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

हमें मिल
बैठकर ही तो
कार्बन को
रोकना होगा
मौसम के
कहर को भी
जरा फिर सोचना होगा !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

चलोगे साथ
जो मिलकर
प्रगति के
गीत गाओगे
रहोगे विश्व में ऊँचा
शिखर पर गुनगुनाओगे !!
बसाएँगे
नयी दुनियाँ
सभी अपने यहाँ होंगे
रहेंगे साथ ही
मिलकर
मिलन के गीत गाएँगे !!

==============
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
28.05.2024

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