Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2024 · 1 min read

अव्यक्त प्रेम (कविता)

अव्यक्त प्रेम

प्रेम का रूप तो प्रेम का रूप तो रहा सदैव अव्यक्त
कब कौन कर पाया है इसको व्यक्त
प्रेम तो रहा अमूर्त
फिर क्यों इसे आकर देना
कशिश है ये ख़लिश है ये
एक एहसास है यह एक तड़प है ये

जो जेहन में कैद
एक सुखद अनुभूति
का एहसास है ये
ना पिरो पाया कोई शब्दों में इसको
शब्द कहां जो व्यक्त करें भला इसे
ना प्रेम रूप है ना प्रेम का स्वरूप है
भला कौन शब्दों में बांध पाया है
धरती के कन-कन में समाया है
राधा के संग कृष्ण नाम का यूं ही नहीं आया है
दिलों में जलता हुआ एक दीप जैसा ये लगातार जलता रहा है सदियों से
तभी तो मीरा ने इसको गया है
प्रेम तो इबादत है उस ख़ुदा कि
जो धड़कन दिलों को सिखाता है

Language: Hindi
1 Like · 167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

रोहित एवं सौम्या के विवाह पर सेहरा (विवाह गीत)
रोहित एवं सौम्या के विवाह पर सेहरा (विवाह गीत)
Ravi Prakash
" विडम्बना "
Dr. Kishan tandon kranti
उन्मादी चंचल मन मेरे...
उन्मादी चंचल मन मेरे...
Priya Maithil
पहाड़ की पगडंडी
पहाड़ की पगडंडी
सुशील भारती
'निशात' बाग का सेव (लघुकथा)
'निशात' बाग का सेव (लघुकथा)
Indu Singh
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
Neha
आओ वृक्ष लगाओ जी..
आओ वृक्ष लगाओ जी..
Seema Garg
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
4155.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
खुशबू सी बिखरी हैं फ़िजा
Sunita
मौत की दस्तक
मौत की दस्तक
ओनिका सेतिया 'अनु '
आज कल...…... एक सच
आज कल...…... एक सच
Neeraj Kumar Agarwal
लिखना चाहता हूं...
लिखना चाहता हूं...
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
प्रदूषन
प्रदूषन
Bodhisatva kastooriya
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
धरती को तरुओं से सजाना होगा
धरती को तरुओं से सजाना होगा
राकेश पाठक कठारा
छिन्नमस्ता
छिन्नमस्ता
आशा शैली
वो मेरे हालातों से बेखबर क्यूं है ?
वो मेरे हालातों से बेखबर क्यूं है ?
Keshav kishor Kumar
लम्हें संजोऊ , वक्त गुजारु,तेरे जिंदगी में आने से पहले, अपने
लम्हें संजोऊ , वक्त गुजारु,तेरे जिंदगी में आने से पहले, अपने
Dr.sima
किसी भी बात की चिंता...
किसी भी बात की चिंता...
आकाश महेशपुरी
नसीब ने दिया हमको, हम तसव्वुर कर गये।
नसीब ने दिया हमको, हम तसव्वुर कर गये।
श्याम सांवरा
यक्षिणी-6
यक्षिणी-6
Dr MusafiR BaithA
दोहे- मोबाइल पर
दोहे- मोबाइल पर
आर.एस. 'प्रीतम'
फूल से कोमल मन
फूल से कोमल मन
Mahesh Tiwari 'Ayan'
तेरी बेरुखी इस कदर
तेरी बेरुखी इस कदर
Chitra Bisht
..
..
*प्रणय प्रभात*
'तकनीकी दाग'
'तकनीकी दाग'
पूर्वार्थ देव
हरी चूनर
हरी चूनर
Indu Nandal
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
तुम प्रेम सदा सबसे करना ।
लक्ष्मी सिंह
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
विषय: शब्द विद्या:- स्वछंद कविता
Neelam Sharma
दुखड़े   छुपाकर  आ  गया।
दुखड़े छुपाकर आ गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...