दिल की हसरत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दर-बदर की ठोकरें जिन्को दिखातीं राह हैं
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Wakt hi wakt ko batt raha,
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
I can’t be doing this again,
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों