Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2024 · 3 min read

“क्रोधित चिड़िमार”(संस्मरण -फौजी दर्शन ) {AMC CENTRE LUCKNOW}

डॉ लक्ष्मण झा परिमल
=======================
वैसे हमलोग No 2 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन के “E” Coy के रंगरूट थे ! पर अधिकतर ट्रेनिंग के विभाग No 1 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन हुआ करते थे ! ट्रेनिंग के दौरान BCT, WAT, KOT, MI ROOM और EDUCATION के लिए No 1 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन जाना पड़ता था ! ये दोनों बटैलियन बिलकुल आपस में सटे हुये थे ! हमारे कमांडर Lt Col Tej Singh हुआ करते थे और No 1 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन के कमांडर Lt Col D S Kalakhothi थे !
सितम्बर 1972 के दूसरे सप्ताह से हमलोगों की ट्रेनिंग शुरू हो गई थी ! 03 बजे सुबह से बिस्तर छोडना पड़ता था ! 06 बजे बेसिक मिलिटरी ट्रेनिंग शुरू हो जाती थी और 1 बजे समाप्त हो जाती थी ! फिर 2॰30 को फाल- इन PT ड्रेस में होता था ! 5 बजे तक काम करना पड़ता था ! शाम को खाना फिर 7 बजे रोल कॉल ! दो तीन दिनों के बाद Night Duty आ जाती ही थी !
उस समय विशाल AMC CENTRE & SCHOOL के Commandant Brig N Adi Sasaiyaa थे ! उनका आदेश एक दिन Roll Call में CHM ने सुनाया,–
” No 1 मिलिटरी बटैलियन के Education Dept में भाषण प्रतियोगिता होने वाली है! इसके अध्यक्ष No 1 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन के कमांडर Lt Col D S Kalakhothi होंगे ! तमाम कंपनिओं से लोग भाग लेंगे ! प्लाटून मुंशी इच्छुक रंगरूटों का नाम देंगे ! फिर E Coy इन्हें चयन करेगी ! यह प्रतियोगिता अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में होगी !”
Company Commander Capt K L Kachhroo ने मेरा नाम चार लड़कों में चयन किया! अब मुझे रविवार छोडके सब दिन 2॰30 बजे दोपहर को Education Dept में जाना पड़ता था ! एक दो हरेक कंपनी से प्रतियोगी भाग लेने आए थे ! सब इकट्ठे होते थे ! तीन लाइन में टोलियाँ बनती थी ! फिर Education in charge को कोई सीनियर रिपोर्ट करता था !
“ भाषण प्रतियोगी …… सावधान ……हिलो मत”
“श्रीमान ,15 भाषण प्रतियोगी आपके निरीक्षण के लिए हाजिर हैं श्रीमान !”
Education in charge रिपोर्ट लेने के बाद सबों को आदेश देते थे ,—-
“ सबलोग लाइब्ररी में अध्ययन करें फिर विषय का चयन होगा और कल से भाषण देने का अभ्यास शुरू किया जाएगा !”
बीच में ब्रेक भी होता था ! No 1 बेसिक मिलिटरी बटैलियन के A B C और D के लंगरों से चार बजे बारी -बारी से चाय पकौड़ा आते थे फिर भी जी नहीं भरता था! पास ही सटे ललता प्रसाद की वेट कैंटीन थी ! दूध और बर्फी हमलोग खाया करते थे !
सारे लोग अपने -अपने विषय को चुनकर नोट्स बनाते थे और दूसरे दिन 3 मिनट्स का भाषण देते थे ! दरअसल यह विधा सीखने का मूल मंत्र यहीं से प्रारम्भ हो गया !
सब के सब रंगरूट थे और दोस्त भी बनते चले गए बस उनमें एक L/NK कैलाशपति मिश्र थे जो ADM Battalion से आए हुये थे ! वे छोटे उस्ताद थे ! रंगरूट उनसे दूरियाँ बनाकर रखते थे ! हालांकि उनमें छोटा उस्ताद वाला गुरूर सर चढ़ कर नहीं बोल रहा था ! देखने में दुबला -पतला ! कद -काठी भी बहुत कम ! रहने वाले लखनऊ के ही थे ! रंगरूट आपस में उन्हें “चिड़िमार ” कहने लगे ! पर उनके सामने कोई कुछ कहे नहीं ! छोटा उस्ताद के शिकायत पर हमलोगों को Punishment भी मिल सकता था !
बहुत सुंदर समय बिता ! प्रतियोगिता संपन्य हुई ! मुझे द्वितीय पुरस्कार मिला ! प्रथम पुरस्कार No 1 मिलिटरी ट्रेनिंग बटैलियन “B Coy” के भूपेंद्र यादव को मिला !
समय बीतता गया ! बेसिक मिलिटरी ट्रेनिंग 1973 जून में समाप्त हुआ ! ट्रेड ट्रेनिंग के लिए हमलोगों को T T Bn आना पड़ा ! मेरी पोस्टिंग “T Coy” में हो गई ! कई दोस्त दूसरी -दूसरी कंपनी में चले गए ! बिछुड्ने का गम था ! इस गम के माहौल में डर का आगमन तब हो गया जब श्री कैलाशपति मिश्र को Junior Commissioned Officer के रूप में T Coy में उनका साक्षात्कार हुआ ! उस समय इन लोगों का Promotion काफी तेजी से होता था ! भगवान की लाख -लाख मेहरबानी जो तीन महीने तक उनका सामना करना पड़ा ! पता नहीं उनको अपना उपनाम “चिड़िमार ” कैसे पता लग गया था ? जिसका हमलोगों के ट्रेनिंग पर विपरीत और असहनीय असर पड़ने लगा था ! उनके जाने के बाद ही मैंने राहत की साँस ली !
==============
डॉ लक्ष्मण झा”परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत

Language: Hindi
150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मेहनत ओर संघर्ष  जहां होगा वह मानसिक थकान और तनाव होगा
मेहनत ओर संघर्ष जहां होगा वह मानसिक थकान और तनाव होगा
पूर्वार्थ देव
"लोहा"
Dr. Kishan tandon kranti
कैसे धाम अयोध्या आऊं
कैसे धाम अयोध्या आऊं
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आखिर क्यों
आखिर क्यों
Dr.Pratibha Prakash
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
--पुर्णिका---विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
चौदह साल वनवासी राम का,
चौदह साल वनवासी राम का,
Dr. Man Mohan Krishna
कथनी और करनी
कथनी और करनी
Davina Amar Thakral
मेरी भावों में डूबी ग़ज़ल आप हैं
मेरी भावों में डूबी ग़ज़ल आप हैं
Dr Archana Gupta
4057.💐 *पूर्णिका* 💐
4057.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
𑒂𑓀𑒑𑒳𑒩𑒹 𑒣𑒩 𑒪𑒼𑒏 𑒏𑒱𑒕𑒳 𑒑𑒱𑒢𑒪 𑒖𑒰 𑒮𑒏𑒻𑒞 𑒕𑒟𑒱
DrLakshman Jha Parimal
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
हुस्न है नूर तेरा चश्म ए सहर लगता है। साफ शफ्फाफ बदन छूने से भी डर लगता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
जानकी पूछे लक्ष्मण, पुत्र पयारे,
जानकी पूछे लक्ष्मण, पुत्र पयारे,
Mr. Jha
जीते जी होने लगी,
जीते जी होने लगी,
sushil sarna
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
हम शरीर मन बुद्धि से परे जा सकते हैं, बस हमें साहस की आवश्कत
Ravikesh Jha
शीर्षक:फिर से उठो
शीर्षक:फिर से उठो
n singh
स्कूल चले
स्कूल चले
विजय कुमार नामदेव
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
आपने जो इतने जख्म दिए हमको,
Jyoti Roshni
**कुछ तो कहो**
**कुछ तो कहो**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रखो वक्त निकाल कर  नजदीकिया और  निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते
रखो वक्त निकाल कर नजदीकिया और निभा लो अपनापन जो भी रिश्ते
पूर्वार्थ
वातावरण
वातावरण
MUSKAAN YADAV
"ना पीर से पूछते हैं ना फ़क़ीर से पूछते हैं,
raijyoti47.
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
ग़ज़ल _ थी पुरानी सी जो मटकी ,वो न फूटी होती ,
Neelofar Khan
पता मजनूँ को था इक दिन उसे नाकाम होना था
पता मजनूँ को था इक दिन उसे नाकाम होना था
Johnny Ahmed 'क़ैस'
ऊपर वाला जिन्हें हया और गैरत का सूखा देता है, उन्हें ज़लालत क
ऊपर वाला जिन्हें हया और गैरत का सूखा देता है, उन्हें ज़लालत क
*प्रणय प्रभात*
पलकों की हदो में कहां
पलकों की हदो में कहां
Dr fauzia Naseem shad
सखा कान्हा और सुदामा
सखा कान्हा और सुदामा
Seema gupta,Alwar
"आदर्श मनुष्य" (Ideal Person):
Dhananjay Kumar
Loading...