*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सबके दिल में छाजाओगी तुम
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
हे मात जीवन दायिनी नर्मदे मैया
जब मरहम हीं ज़ख्मों की सजा दे जाए, मुस्कराहट आंसुओं की सदा दे जाए।
सस्ते नशे सी चढ़ी थी तेरी खुमारी।
*नयनों में तुम बस गए, रामलला अभिराम (गीत)*
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
वे जो राई का सदा, देते बना पहाड़
मुकाम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
झूल गयी मोहब्बत मेरी,ख्वाइश और जेब की लड़ाई में,
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आँखों में सपनों को लेकर क्या करोगे
जहाँ केवल जीवन है वहाँ आसक्ति है, जहाँ जागरूकता है वहाँ प्रे