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17 May 2024 · 1 min read

सुंदर नाता

अंतर्मन का वाह्य मन से
बड़ा ही सुंदर नाता है
जब भी कहता है
कुछ वाह्य मन
अंतर्मन तुरंत पूरा
करने लग जाता है
वाह्य मन मेरी डायरी,
चश्मा और कलम
मेरे सिरहाने रखता है
जो भी चलता है अंतर्मन में
उसे तुरंत लिपिबद्ध करता है
अंतर्मन का सुख-दुख
वाह्य मन तुरंत व्यक्त करता है
और वाह्य मन का दर्द
अंतर्मन तक पहुंचता है।
मज़ा तो तब है जब
दोनों एक हो जाते है
और मुझे इसी धरती पर
स्वर्ग की अनुभूति कराते हैं।

Language: Hindi
1 Like · 192 Views
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