Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2024 · 2 min read

रोटी की क़ीमत!

दिन भर तपता रहा धूप में,
रात बिताई बारूद में झुलसकर,
फिर भी नसीब ना हुई जिसे,
दो वक्त की रोटी और नमक,
उस से पूछो रोटी की क़ीमत,
जिसने रोटी के लिए देह गलाई,
फिर भी जिसका चूल्हा रोया,
बिन रोटी के रात भर,
सुबक सुबक…..

बड़े घर से बासी रोटी फेंकी गई,
कुत्तों की तो जैसे दावत हुई,
नोंच-नोंच बटोर-बटोर खूब खाए,
अपने पूरे परिवार को बुलाकर लाए,
रोटी के लिए हुई मारामारी,
रोटी थी इतनी कि सब ने खाई,
भर पेट मिली रोटी सबको,
भर पेट खा गहरी नींद में अलसाए सोए,
दुबक दुबक……

और वहीं दूर कहीं रोटी के लिए तरसा,
रात भर करवट रहा रह रह कर बदलता,
दिन भर की थकावट भी काम ना आई,
भूखे पेट नींद कहाँ आँखों में भला आती,
पानी भी कितना पाता बेचारा पी,
पेट को तो रोटी की दरकार थी,
रात भर पेट से आवाज़ अज़ीब आती रही,
गुमर गुमर……..

फिर अगले दिन भर झुलसा धूप में,
इस आस में कि आज मिलेगी रोटी उसे,
रात को भी खटता रहा भूल घर-बार,
सोचा कि भर पेट खाएँगे आज सपरिवार,
मजूरी की क़ीमत जब लगायी गई,
दो जून की रोटी भी उस से ना नसीब हुई,
बिन रोटी फिर लेट गया बिस्तर पर, करता रहा,
इधर उधर…….

भूख का सिलसिला बढ़ता गया,
लाचारी भी साथ-साथ बढ़ती गई,
परिवार को पालने में स्वयं बिन खाए,
झोंकता रहा अपना तन बारम्बार,
साँसें भी अब तो जवाब देने लगी,
मौत के समय थी तो बस एक हंसी चेहरे पे,
शायद अब चैन से सो सके और मिले उसे,
आराम विश्राम…….

133 Views
Books from कविता झा ‘गीत’
View all

You may also like these posts

गीत गाता है बचपन,
गीत गाता है बचपन,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2974.*पूर्णिका*
2974.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
ईश्वर का आशीष है बेटी, मानवता को वरदान है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
ई हवे मिलन तेवहार
ई हवे मिलन तेवहार
आकाश महेशपुरी
ज़िन्दगी के
ज़िन्दगी के
Santosh Shrivastava
*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*
*अंतर्मन में राम जी, रहिए सदा विराज (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"मोहब्बत की जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
"सोच खा जाती हैं"
ओसमणी साहू 'ओश'
कटहर मटन।
कटहर मटन।
Acharya Rama Nand Mandal
......देवत्थनी एकदशी.....
......देवत्थनी एकदशी.....
rubichetanshukla 781
कौन?
कौन?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
*सदा सत्य शिव हैं*
*सदा सत्य शिव हैं*
Rambali Mishra
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
मैं भी अपनी नींद लुटाऊं
करन ''केसरा''
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
The Breath
The Breath
Otteri Selvakumar
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
सजाता हूँ मिटाता हूँ टशन सपने सदा देखूँ
आर.एस. 'प्रीतम'
कदम दर कदम
कदम दर कदम
Sudhir srivastava
'प्रेम पथ की शक्ति है'
'प्रेम पथ की शक्ति है'
हरिओम 'कोमल'
गौतम बुद्ध के विचार --
गौतम बुद्ध के विचार --
Seema Garg
चंचल मन
चंचल मन
उमेश बैरवा
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
सबने पूछा, खुश रहने के लिए क्या है आपकी राय?
Kanchan Alok Malu
★ आज का मुक्तक
★ आज का मुक्तक
*प्रणय*
-अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए -
-अगर हम अपने अनुभवों पर आए तो सारे रिश्ते तोड़ जाए -
bharat gehlot
रास्ते खुलते हैं
रास्ते खुलते हैं
Harinarayan Tanha
गरिमामय है धरती अपनी
गरिमामय है धरती अपनी
Ghanshyam Poddar
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
#प्रेम_वियोग_एकस्वप्न
#प्रेम_वियोग_एकस्वप्न
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
Time
Time
Aisha Mohan
Loading...