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8 May 2024 · 1 min read

मिलन

देखो….
तुम चले आना..
थोड़ा सा समय निकालकर
बहुत सी बातों को बाँटना हैं तुमसे
और बहुत सी यादों को
सहेजकर रखना है
तुम्हें याद है न
जब हम पहली बार मिले थे..
तुम्हारी आँखों में
एक नूर उतर आया था
चेहरे पर सिमट आई लाली से
सुबह के सूरज की
कल्पना सी हो आई थी
तुम्हारे अधरों के लरजते कंपन ने
वीणा के झंकृत होते तारों को भी
हतप्रभ कर दिया था
और हमारे मिलन की वो प्रथम बेला
कभी न भूलने वाली
एक याद जो बन गई थी
हमारी मुस्कराहटें
और विस्तृत हो जाती हैं
जब अनायास ही
आपके नाम की हवाएँ
होठों से टकरा जाती हैं
मई की गर्म लूएँ भी
सावन की फुहारों में बदल जाती हैं
सुनो… अब समय को और
बरबाद न करना
मुलाकात का वक्त
जल्दी मुकम्मल करना
क्योंकि….
बहुत सी बातों को बाँटना हैं तुमसे
और बहुत सी यादों को
सहेजकर रखना है…..
सोनू हंस✍✍✍

Language: Hindi
1 Like · 59 Views

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