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4 May 2024 · 1 min read

गुरुकुल

याद आती है अपने गुरुकुल की , उठते सवेरे-सवेरे
🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂🍂
हुए ८ वर्ष , लिया प्रवेश अपने गुरुकुल में
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
शुरू हो गयी ज्ञान की शिक्षा अपने गुरुकुल में धीरे-२
🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
स्वयं लग जाते दिनचर्या के कार्यों में धीरेधीरे
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸
समय के मूल्य को जाना अपने गुरुकुल में
🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀
अनुशासन में रहना जाना अपने गुरुकुल में
🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
वेदपुराण के ज्ञान को जाना अपने गुरुकुल में
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
अर्थसाहित्य को पढ़ना जाना अपने गुरुकुल में
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
स्व: में आध्यात्मिकता जाग्रति को जाना अपने गुरुकुल में🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
वितरण, विनियम , उपभोग को जाना अपने गुरुकुल में
🌸🌼🌸🌼🌸🌼🌸🌼🌸🌼🌸🌼
गुरु शिष्य के संबंध को जाना अपने गुरुकुल में
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
धर्म संस्कृति की शिक्षा को जाना अपने गुरुकुल में
🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼
विनम्रता , सच्चाई , आत्मनिर्भरता के भाव को जाना अपने गुरुकुल में🌻🌸🌻🌸🌻🌸🌻
ब्रह्मा , विष्णु , महेश को आचार्य के रूप में जाना अपने गुरुकुल में🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तपोस्थली में सभा सम्मेलन प्रवचनों से अर्जन ज्ञान को जाना अपने गुरुकुल में🌼🌼🌼🌼🌼🌼
याद आती है अपने गुरुकुल की , उठते सवेरेसवेरे~२॥

रचनाकार – 😇 डॉ० वैशाली A. Verma ✍🏻

Language: Hindi
89 Views
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