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2 May 2024 · 1 min read

कसूर किसका

वो खुदा नहीं मिलता
है ये कसूर किसका।
इंतजार हम करें
आराम वो करें
समय बर्बाद किसका।
ख्वाइशें दिल में हो
या दिल ख्वाहिशों से भरा हो
जो पूरी ना हो
उसका क्या फायदा।
बात एक करें या अनेक हो
अर्थ जिसका सही नहीं हो
उसका क्या फायदा।
हर कोई हे कन्फ्यूजन मे
पर उसे कोई नहीं मानता
दिक्कते कहां है
ये कोई नहीं जानता।
वास्तविकता क्या है
ये कोई नहीं पहचानता।
मानते है सब
उस खुदा को
पर उस खुदा को
कोई नहीं पहचानता।
इसका या उसका
न जाने किस का
पता होते हुए भी
ना पता चले
कि लापता किसका।
वो हे भी
नहीं भी
हे वो सामने भी
दूर भी
हे वो दुनिया मे जरूर भी
आंखें होते हुए भी
देख ना पाए
इसमे कसूर किसका।…
swami ganganiya

Language: Hindi
1 Like · 162 Views
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