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18 Apr 2024 · 1 min read

* याद है *

** गीतिका **
~~
याद है अब हमें बात प्रिय आपकी।
खूबसूरत मुलाकात प्रिय आपकी।

अब भुलाए नहीं भूल पाती कभी।
साथ में चान्दनी रात प्रिय आपकी।

प्यार के गीत गाते निखरती रही।
भीगती खूब बरसात प्रिय आपकी।

हो समय तो कभी भी स्मरण कीजिए।
शह दिए थी मगर मात प्रिय आपकी।

है खिली खूब स्मृतियां लिए जिन्दगी।
यह मधुर शुभ्र सौगात प्रिय आपकी।

पुष्प सा खिल उठा मन हमारा बहुत।
देखकर अब करामात हर आपकी।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य

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