बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -195 के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शुरू करते हैं फिर से मोहब्बत,
इश्क़ एक सबब था मेरी ज़िन्दगी मे,
लगा समंदर में डुबकी मनोयोग से
Anamika Tiwari 'annpurna '
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
मारे ऊँची धाक,कहे मैं पंडित ऊँँचा
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
आसमाँ पर तारे लीप रहा है वो,
छछूंदर के सिर पर चमेली का तेल।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
* निर्माता तुम राष्ट्र के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम*【कुंडलिय
तुमको एहसास क्यों नहीं होता ,
समय ही तो हमारा जीवन हैं।
मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार