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21 Mar 2024 · 1 min read

मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,

मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
उलझन तो ये है कि बिना लिखे
इस दिल को कैसे समझाऊं ?

मंजू सागर
गाजियाबाद

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