अज़ीयत में शुमार मत करिए,
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ट्रस्टीशिप-विचार / 1982/प्रतिक्रियाएं
गुम हो जाते हैं साथ चलने वाले, क़दम भी कुछ ऐसे।
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उड़ान ऐसी भरो की हौसलों की मिसाल दी जाए।।
यूँ मिला किसी अजनबी से नही
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'