यूनिवर्सिटी नहीं केवल वहां का माहौल बड़ा है।
यह जो पका पकाया खाते हैं ना ।
तसदीक़ हो सके ऐसा न छोड़ा गया मुझे
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
इतनी जल्दी क्यूं जाते हो,बैठो तो
पुरस्कार हेतु गद्य विधा में पुस्तकें आमंत्रित हैं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का
/-- राम बनऽला में एतना तऽ..--/
दिल की हसरत निकल जाये जो तू साथ हो मेरे,
51…..Muzare.a musamman aKHrab:: maf'uul faa'ilaatun maf'uul
हमारी मूल भाषा है, हमें पढ़ना सिखाती है,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
आज देश का मीडिया दो हिस्सों में बंटा हुआ है। आधा कुंभ स्नान