मुझे नाम नहीं चाहिए यूं बेनाम रहने दो
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
एक नज़्म :- ईर्ष्या की आग
*णमोकार मंत्र (बाल कविता)*
गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी...
अब भी देश में ईमानदार हैं
कुछ लड़के होते है जिनको मुहब्बत नहीं होती और जब होती है तब
23/201. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
दिखाकर स्वप्न सुन्दर एक पल में तोड़ जाते हो
यदि सत्य बोलने के लिए राजा हरिश्चंद्र को याद किया जाता है
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
माँ
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
नारी री पीड़
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
राह में मिला कोई तो ठहर गई मैं
मेरे शहर बयाना में भाती भाती के लोग है
महिलाएं अक्सर हर पल अपने सौंदर्यता ,कपड़े एवम् अपने द्वारा क