एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
The only duty some people have is to keep criticising you.an
नायब सिंह के सामने अब 'नायाब’ होने की चुनौती
याद करती हूं जब भी माज़ी को
I Can Cut All The Strings Attached.
शिव शंकर तू नीलकंठ -भजन-रचनाकार:अरविंद भारद्वाज
भगदड़ कैसी है मची, फूटे कई कपाल।